Saturday, 1 December 2012

माँ को भूलना नहीं

माँ को भूलना नहीं 
उपकार अगणित है उनके इस बात 
को भूलना नहीं !
पत्थर पूजे कई , तुम्हारे  जन्म की खातिर अरे !
पत्थर बन माँ का दिल कभी 
कुचलना नहीं !
सुख का निवाला दे , जिन्होंने तुम्हें बड़ा किया !
अमृत पिलाया तुमको , जहर इनके 
लिए उगलना नहीं !
कितने सजाए मान , सब अरमान 
भी पुरे किये !
पुरे करो अरमान उनके, बात यह 
भूलना नहीं !
लाखों कमाते हो , भला माँ से ज्यादा नहीं !
संतान से सेवा चाहो , संतान बन सेवा करो !
जैसी करनी वैसी भरनी , न्याय यह भूलना नहीं !
Ankit Tiwari (Sai Institute of Computer Education, Dehradun)
 http://maa-mother.blogspot.in/
 

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