माँ का आँचल
माँ तेरे ही आँचल मे
जीवन का सुख सारा है !
माँ तेरे ही चरणों मै
मैंने जीवन वारा है !
तेरी ममता के फूल
निरन्तर बरसते है !
मै न दिखू इक पल भी
तेरे नयन तरसते है !
माँ तीनो लोको का भगवान
तुझको मैंने माना है !
जब -जब मै रोया हु माँ
तूने मुझे दुलारा है !
अपने जीवन का उपहार
तुझको मैंने माना है !
मर भी जाऊ तो गम नहीं
तेरे ही घर जाना है !
लेखक - अंकित तिवारी
Ankit Tiwari (Sai Institute of Computer Education,bhogpur)
D.A.V PG College,Dehradun
facebook.twitter.rediff@gmail.com
http://maa-mother.blogspot.in/
माँ तेरे ही आँचल मे
जीवन का सुख सारा है !
माँ तेरे ही चरणों मै
मैंने जीवन वारा है !
तेरी ममता के फूल

मै न दिखू इक पल भी
तेरे नयन तरसते है !
माँ तीनो लोको का भगवान
तुझको मैंने माना है !
जब -जब मै रोया हु माँ
तूने मुझे दुलारा है !
अपने जीवन का उपहार
तुझको मैंने माना है !
मर भी जाऊ तो गम नहीं
तेरे ही घर जाना है !
लेखक - अंकित तिवारी
Ankit Tiwari (Sai Institute of Computer Education,bhogpur)
D.A.V PG College,Dehradun
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