Tuesday, 23 July 2013

मंजिल

अभी न पूछो हमसे मंजिल कहा है !
अभी तो हमने चलने का इरादा किया है !
ना हारे  है ! ना हारेगे कभी !
ये किसी और से नही खुद से वादा किया है !
                         - अंकित तिवारी (कलाम)
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Tuesday, 5 March 2013

नारी को देवी न माने , इन्सान तो माने

नारी को देवी न माने , इन्सान तो माने
" स्त्री एक आग है एक ज्वाला है , गंगा है , नर्मदा है ,.......हर स्त्री के भीतर बहुत सारी ऊर्जा होती है , पर कुछ
असीमित सक्तिया भी इश्वर ने दी है , जिनके बारे कई बार तो अनभिज्ञ रहती है जब स्त्री का उल्लेख अबला , असह्य नारी के रूप मै होता है ! मुझे बड़ी कोफ्त रहती है !  नारी अबला नहीं नहीं है !, ना कभी थी ! वो शुरु से ही सबला थी ..... हमारे पुराण ,हमारा इतिहास ,हमारी धरोहर ना जाने कितने ऐसे  उदहारण हमे देते चले आए है ! जहा स्त्री की ताकत, शक्ति का परमाण मिला है ! महिलाओ को जरुरत है , अपनी अन्दुरुनी शक्ति (पॉवर ), स्टेमिना,  को जानने - परखने की ....! आज के दॊर मै स्त्री को सिर्फ आवशकता है , आत्मविश्वास की ! यदि उसने खुद के आत्मविश्वास को ललकारा तो कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा .....!"
       अपने ही देश मे कई सारे ऐसे पिछडे राज्य व गावं है, जहा पर लोगो की मानसिकता है की क्यों लडकिया श्याम के समय घर के  बाहर निकले , क्यों महिलाये फैशनेबल परिधानों मे रास्ते से गुजरे .....इस तरह के दकियानूसी ख्यालात कब बद्लेगे पता नहीं, लेकिन ये सारी अवधारणाये है ! जिनसे समाज खोखला बनता है ! जबकि हमारे भारतीय समाज मे ही नहीं , पूरी दुनिया मे ही आधी जनसंख्या महिलाओ की है !~…।
       पिछले हजारो बर्षो से चली आ रही परंपरा मे आपने कभी सुना है की किसी मर्द को उसके पहनावे को लेकर किसी का भी पहनावा बहस का मुददा तो नहीं बन सकता ना .......? यहाँ जानते-समझते हुए भी क्यों दुनिया भर की पाबन्दिया महिलाओ पर लगायी जाती है ! लडकिया उतनी ही बुद्धिमान है जितने की लड़के ....!नारी को देवी न माने , इन्सान तो माने.....

Monday, 31 December 2012

माँ का आँचल 
माँ तेरे ही आँचल मे
जीवन का सुख सारा है !
माँ तेरे ही चरणों मै
मैंने जीवन वारा  है !
तेरी ममता के फूल
निरन्तर बरसते है !
मै न दिखू इक पल भी
तेरे नयन तरसते है !
माँ  तीनो लोको का भगवान
तुझको मैंने माना है !
जब -जब मै रोया हु माँ
तूने मुझे दुलारा है !
अपने जीवन का उपहार
तुझको मैंने माना है !
मर भी जाऊ तो गम नहीं
तेरे ही घर जाना है !
लेखक - अंकित तिवारी
Ankit Tiwari (Sai Institute of Computer Education,bhogpur)
D.A.V PG College,Dehradun
facebook.twitter.rediff@gmail.com
http://maa-mother.blogspot.in/

Saturday, 1 December 2012

पावन रिश्ता

एक  माँ  का  हाथ  कोमलता  से  बना  होता  है  और  बच्चे  उसमे  गहरी  नीद  में  सोते  हैं .मां जैसा पावन रिश्ता दुनिया में कोई नहीं है जो आपकी सारी गलतियों को अपने ममता की आंचल में छुपा लेती है..

माँ को भूलना नहीं

माँ को भूलना नहीं 
उपकार अगणित है उनके इस बात 
को भूलना नहीं !
पत्थर पूजे कई , तुम्हारे  जन्म की खातिर अरे !
पत्थर बन माँ का दिल कभी 
कुचलना नहीं !
सुख का निवाला दे , जिन्होंने तुम्हें बड़ा किया !
अमृत पिलाया तुमको , जहर इनके 
लिए उगलना नहीं !
कितने सजाए मान , सब अरमान 
भी पुरे किये !
पुरे करो अरमान उनके, बात यह 
भूलना नहीं !
लाखों कमाते हो , भला माँ से ज्यादा नहीं !
संतान से सेवा चाहो , संतान बन सेवा करो !
जैसी करनी वैसी भरनी , न्याय यह भूलना नहीं !
Ankit Tiwari (Sai Institute of Computer Education, Dehradun)
 http://maa-mother.blogspot.in/
 

माँ गीत सुनाओ

माँ गीत सुनाओ
देखो माँ ! मै गीत फिल्म के नहीं सुनूगा ,
जनता पर जुल्मों के गीत नहीं सुनुगा ,
' प्राण   जाई    पर   वचन   न   जाई '
रघुकुल की वह रीति सुनाओ !!1!! माँ गीत सुनाओ .....................
कैसे बाँधा लवकुश ने अश्वमेध का घोड़ा ,
वीर बालक अभिमन्यु ने चक्रव्यूह को तोड़ा ,
" कर्मणयेवाधीकारस्ते   ....................................................'
गीता की मुझे सीख सुनाओ !!2!! माँ गीत सुनाओ .....................
धुर्व ने कैसे तप करके , अमर नाम कमाया ,
कैसे भक्त परलाद ने नरसिंह  को परकटाया ,
' कण - कण  मे   होते   भगवान ...............'
भक्तों की वह  प्रीति सुनाओ !!3!! माँ गीत सुनाओ .....................
बाल शिवा ने आखिर कैसे मुगलों को ललकारा,
फतेह और जोरावर पर किसने चुनवाया गारा ,
' सवा लाख से एक लड़ाऊ '
गुरु गोविन्द की जीत सुनाओ !!4!! माँ गीत सुनाओ .....................
किस गीत को गाकर वो सतावन की जंग ठनी ,
किस गीत को सुनकर रानी झाँसी  लक्ष्मीबाई बनी ,
खून दो ' आजादी लो '
सुभाषचन्द  की नीति सुनाओ !!5!! माँ गीत सुनाओ .....................
कहो माँ ! आखिर कैसे , आजादी हमने पाई ,
कोन झूला फाँसी पर , किसने लड़ी लड़ाई, 
' फिर भी रावी तट  पराया '
बटवारे की टीस सुनाओ !!6!! माँ गीत सुनाओ .....................
अंकित तिवारी (Ankit Tiwari-Sai Institute of Computer Education, Dehradun)
 https://www.facebook.com/ankit.tiwari.kalam
 http://maa-mother.blogspot.in/
  
एक  माँ  का  हाथ  कोमलता  से  बना  होता  है  और  बच्चे  उसमे  गहरी  नीद  में  सोते  हैं .मां जैसा पावन रिश्ता दुनिया में कोई नहीं है जो आपकी सारी गलतियों को अपने ममता की आंचल में छुपा लेती है..एक बच्चे के लिए उसकी मां..........................
Ankit Tiwari (D.A.V PG College ,Dehradun)
http://maa-mother.blogspot.in/
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